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Showing posts from June, 2021

जब अपने निशाँ ही नहीं होंगे

अपने होने का भी क्या गुमान करना ओ साथी , अपने तो कल निशाँ भी नहीं बचेंग़े। कुछ होंगे जो याद करेंगे शायद कुछ दिन , बाक़ी तो आज भी परवाह नहीं करते होंगे।। तो बहने से पहले , थोड़ा अपने लिए जीना। और बाक़ी उनके लिए जो , होकर भी दुनिया में , नहीं हैं।। जो बहने से पहले , एक बार तो जीना चाहते होंगे।।